आखिर कितने दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा है, इसे लेकर अब भी कई सवालों के जवाब मेडिकल और रिसर्च की
टीमों को नहीं मिल पा रहे हैं। हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। इसी बीच यह भी
सवाल उठ रहा है आखिर यह वायरस कितने समय तक जिंदा रहता है।
कई हजार नोट फेंके चीन ने
कोरोना वायरस का असर चीन की करेंसी पर भी हुआ है। स्थिति यह है कि यहां के सेंट्रल बैंक ने नोटों की सफाई शुरू की है, अब तक कई हजार नोटों की सफाई की जा चुकी है। इतना ही नहीं, कई हजार नोटों को चीन ने नष्ट कर दिया है। मेडिकल टीम का मानना है कि दरअसल, सेंट्रल बैंक ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि नोट रोजाना कई हजार लोगों के हाथों से होकर गुजरता है। जाहिर है कई ऐसे लोगों के हाथों से भी नोट संपर्क में आए होंगे जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
हालांकि, कोरोना वायरस के जिंदा रहने के समय के बारे में अब तक कुछ साफ नहीं हो सका है। बावजूद इसके कुछ मेडिकल टीमें इस बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
यहां भी है संशय की स्थिति
रोग नियंत्रण और रोकथाम के अमेरिकी केंद्र के मुताबिक कई बार यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंच जाता है। हालांकि
कोरोना वायरस का असर चीन की करेंसी पर भी हुआ है। स्थिति यह है कि यहां के सेंट्रल बैंक ने नोटों की सफाई शुरू की है, अब तक कई हजार नोटों की सफाई की जा चुकी है। इतना ही नहीं, कई हजार नोटों को चीन ने नष्ट कर दिया है। मेडिकल टीम का मानना है कि दरअसल, सेंट्रल बैंक ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि नोट रोजाना कई हजार लोगों के हाथों से होकर गुजरता है। जाहिर है कई ऐसे लोगों के हाथों से भी नोट संपर्क में आए होंगे जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
हालांकि, कोरोना वायरस के जिंदा रहने के समय के बारे में अब तक कुछ साफ नहीं हो सका है। बावजूद इसके कुछ मेडिकल टीमें इस बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
यहां भी है संशय की स्थिति
रोग नियंत्रण और रोकथाम के अमेरिकी केंद्र के मुताबिक कई बार यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंच जाता है। हालांकि
जांच टीम को अभी इस बारे में जानकारी नहीं है कि चीन के वुहान में कोरोना के
फैलने की शुरुआत किस जानवर से हुई थी, लेकिन शुरुआती अध्ययनों में पाया गया था कि लोग ऊंटों के
संपर्क में आने के बाद कोरोना वायरस मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) से संक्रमित हुए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि सिवियर ऐक्यूट रेस्पिरेटरी
सिंड्रोम (SARS) का संक्रमण छोटी बिल्लियों से हुआ था।
9 दिनों तक जिंदा रह सकते हैं
इंसानों में आए MERS और SARS जैसे कोरोनावयारस निर्जीव पदार्थों पर पाए गए थे, जिनमें धातु, कांच या प्लास्टिक आदि शामिल हैं। ‘द जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन’ में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, MERS और SARS वायरस इन वस्तुओं की सतह पर नौ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। हालांकि रिसर्च के मुताबिक, घरों में पड़े रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों को धोते रहने से वायरस के खतरे से बचा जा सकता है।
रिसर्च में यह भी बताया गया है कि जानवरों से इंसानों में आने वाले कोरोना वायरस को किसी भी सतह से एक मिनट में हटाया जा सकता है। इसके लिए 62% से 71% एथनॉल, 0.5% हाइड्रोजन पेरॉक्साइड या 0.1% सोडियम हाइपोक्लोराइट या ब्लीच का इस्तेमाल करना चाहिए।
इंसानों में आए MERS और SARS जैसे कोरोनावयारस निर्जीव पदार्थों पर पाए गए थे, जिनमें धातु, कांच या प्लास्टिक आदि शामिल हैं। ‘द जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन’ में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, MERS और SARS वायरस इन वस्तुओं की सतह पर नौ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। हालांकि रिसर्च के मुताबिक, घरों में पड़े रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों को धोते रहने से वायरस के खतरे से बचा जा सकता है।
रिसर्च में यह भी बताया गया है कि जानवरों से इंसानों में आने वाले कोरोना वायरस को किसी भी सतह से एक मिनट में हटाया जा सकता है। इसके लिए 62% से 71% एथनॉल, 0.5% हाइड्रोजन पेरॉक्साइड या 0.1% सोडियम हाइपोक्लोराइट या ब्लीच का इस्तेमाल करना चाहिए।
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